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letra de neelam aur neeli - encore abj & bhaskar (ind)

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[chorus: bhaskar]
तेरे नैनों में खो गए (खो गए)
तेरी यादों में रो गए (रो गए)
रो गए
तेरे नैनों में खो गए
तेरी यादों में रो गए
गए गए गए
तेरे नैनों में lost lost
तेरे नैनों में lost

[verse 1: encore abj]
एक थी नीलम
नीलम की थी बेटी, उसकी आंखें इतनी नीली
समंदर भी शर्मा जाए
ऊपर माथे पे एक तिल भी
right side
लेकिन उसकी मां की आंखें गीली नहीं है
time right
क्योंकि वो college last year, last one night stand का नतीजा
हुआ severe abortion complications
हो गई तो delivery is here
अब वो चार दिन की बच्ची उसको नीली नीली आंखों से बस देखे ये चारों पैर हां
मां-बाप बगल में है
बाप सोच रहा है, “इन दोनों में से फोडू किसका सर मैं?”
और मां ने पहले ही कह दिया, “ये गलती मिटाएगी नहीं जब तक, तू साली बेहया, यहां आएगी नहीं घर पे”
प्यार से ज्यादा डर है
तो अगले पल वो खुद को पाती है अनाथ आश्रम के गेट के बाहर
उसकी आंखें हैं गीली
शायद उसके मन में बातें खाली एक ही चल रही थी
कि नाम है उसका नीलम फिर भी आंखें इसकी नीली क्यों?
[chorus: bhaskar]
तेरे नैनों में खो गए (खो गए)
तेरी यादों में रो गए (रो गए)
रो गए
तेरे नैनों में खो गए
तेरी यादों में रो गए
गए गए गए
तेरे नैनों में lost lost
तेरे नैनों में lost

[verse 2: encore abj]
वो बोले, रात गई बात गई
यहां पे सात साल गए
नीलम साथ साथ जाग गई, उस trauma से
दर्द के उस coma से
उसे judge मत करिए, वो stronger है हम दोनों से
घर वाले साथ वो शहर में रह रही है
उसकी शादी अगले महीने, उसकी दिक्कत बस यही है
उसको बच्चे नहीं है पसंद, मतलब इतने से भी नहीं है
कि वो पास जरा आ जाए तो तुरंत भगा देती है
वो अपनी सोच में गुम है गाड़ी में और आगे बत्ती बंद है
उसके आगे बच्चा आया एक
वो बेचना चाहता कुछ है
उसको बच्चा है या बच्ची है फर्क नहीं है
पर कुछ तो उसको खटका उसने बोला, “ओए शक्ल दिखाइयो अपनी मुझको”
और जैसी बच्चा आया पास
धुन थोड़ी छटी और शक्ल हुई साफ
वो बच्चा नहीं, एक बच्ची है
एक तिल है उसके दाहिने माथे पैर और है समंदर जैसी नीली नीली आंख
[chorus: bhaskar]
तेरे नैनों में खो गए (खो गए)
तेरी यादों में रो गए (रो गए)
रो गए
तेरे नैनों में खो गए
तेरी यादों में रो गए
गए गए गए
तेरे नैनों में lost lost
तेरे नैनों में lost

[verse 3: encore abj]
नीलम को सांस ही नहीं आ रही
वो बस गेट से भर भागी
और चिपक गई उसके गले से
चीखी है, “मेरी बेटी, मेरी बेटी”
और रो गई
मां की instinct कभी गलत नहीं होती
मां नही होती तो वो पहचान भी नहीं पाती
उस बच्ची का एक हाथ नहीं था लगी थी बस बैसागी
और शक्ल सूरत से लग रही थी पक्की जिंदा लाश ही
बस खाली दो नीली आंखें टिमटिमाती
अनाथालय कर रहा था धंधा काला
बच्चों को अपंग बना के उनसे धन कमा रहा था
उसकी बच्ची भी अब वही racket का हो चुकी शिकार
और तब तक कुछ लोगों ने आके कर दिया नीलम पे प्रहार हा
वो जाती देख रही है फिर से अपनी बच्ची
हूं औरत की मर्जी में भी चलती नहीं है मर्जी क्यों?
और उससे पहले उसकी आंख बंद हुई बेहोशी से
वो सोचे नाम है उसका नीलम आंखे उसकी नीली क्यों?
[chorus: bhaskar]
तेरे नैनों में खो गए (खो गए)
तेरी यादों में रो गए (रो गए)
रो गए
तेरे नैनों में खो गए
तेरी यादों में रो गए
गए गए गए
तेरे नैनों में lost lost
तेरे नैनों में lost

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